हर बेघर नशेड़ी नहीं होता, घर से बेदखल हर बच्चा जुर्मी नहीं होता, हर छोटे कपड़ों में घूमने वाली लड़की रण्डी नही होती, हर अचानक गिरता इंसान शराबी नहीं होता अगर कोई किसी की बिमारी बनाए मजाक अगर करे कोई अपने बच्चों पर उठाए हाथ, वो इंसान है न कोई जानवर, अरे जानवर भी न करें ये अत्याचार, ये इंसान ही है जो मार के डर से करता है दूसरो पर राज जब बेघर था, तो न जाने कितने ऐसी सोच रखने वाले लुच्चे लफंगों के हाथ पाव तोड़े हैं मैने। दिया उन्ही को उनके कर्मों का स्वाद, ये तो थी सिर्फ मेरी कहानी, अब सुनो डंडे के जोर पर बच्चा इंसान नहीं, समाज का बन जाता है गुलाम, गलती करने पर थप्पड़ पढ़ने पर गलती न दोहराएगा, पर कभी सोचा, वो बच्चा गलती करने से ही डर जाएगा, और बिना गलती किए कैसे पहचान पाएगा, खुद की शत प्रतिशत काबिलियत को, बचपन में छीन ली जाती है उसकी जुबान, यही प्रथा लेकर चलता आ रहा इंसान, तुम तो कहते हो बच्चा होता है भगवान समान, बच्चा जन्म लेता है तुम्हारे घर में, बनकर तुम्हारे कर्मो का रिपोर्ट कर्ड, याद दिलाने तुम्हें तुम्हारा इंसानियत से भटकाव, और तुम उठाते हो उस पर ही हाथ? ©Akhil Kael #मासूम #बच्चा #बेटा #बेटी #nojotohindi #ChildrensDay