गुज़ारा हो रहा है रिश्ते-नातों के इस बाज़ार में बस गुज़ारा हो रहा है "मौन सहमति" हर रिश्ते की कीमत बनी है ज़ुबान खोलते ही "अपनापन" ख़त्म हो रहा है "मूकता" संबंधों से लबरेज़ कर रही है "विचारों की वाणी" सबसे अलग-थलग कर रही है ( MUNESH SHARMA) गुज़ारा हो रहा है.. 💕 रिश्ते-नातों के इस बाज़ार में बस गुज़ारा हो रहा है... जिह्वा पर व्यर्थ की लगाम मानसिक संताप दे रही है घुटन में जीने को विवश कर रही है पर ...समाज में महात्मा का दर्जा दे रही है गुज़ारा हो रहा है रिश्ते-नातों के झ्स "बाज़ार" में बस गुज़ारा हो रहा है...! मुनेश शर्मा (मेरे❤️✍️) साहब मेहरबानी! गुज़ारा हो रहा है। बस ये मत पूछिए, कैसे! #गुज़ाराहोरहाहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi