सांसो का तिनका जब तक तुझमें बाकी था अपनों के होने का अहसास बाकी था।। तेरी हर मर्ज़ी तेरी हर रज़ा पूरी होती तेरे ख्वाबों का आसमान अलग था।। कुछ अलग था अंदाज़ तेरे जीने का तुझमें तेरे होने का राब्ता अलग था।। छूट गया जब तिनका वो सांसो का छूट गया फिर साथ अपनों का बड़ा अचरज भरा वो पैमाना था तेरा भी बड़ा हसरतों का जमाना था।। Written by Payal Goswami Dedicated to my late grandmaa😢😞 miss u grandmaa😢😢