वक़्त वक़्त की बात है अज वीरान तो कल शायद साथ है बदल जाएगा मौसम कभी शहर-ए-गुलज़ार का नाजाने कब आएगी आखिर वो शबनमी सुबह -भार्गव राहुल ना जाने कब आएगी वो सुबह