भूलकर भी कभी भूल पायेंगे ना, लौट आओ कन्हैया! रुलायेंगे ना। एक वादा हम करते हैं तुमसे सखा, भूल से भी कभी अब सतायेंगे ना। खेलते वक्त सौदा किया आपने, साथ को छोड़कर हम भी जाएंगे ना। क्या हुआ आपके वादों सौदों का अब, सबको तोड़ के रिश्ता निभायेंगे ना। सब्र का इम्तहां गर है लेना तुम्हें, जान निकली तो भी हरा पाएँगे ना। जो गुजरती है हम पर वो किससे कहें, अब हम अपने भी आँसू छिपाएँगे ना। हमसे ज्यादा सखी बाँसुरी है तेरी, अब तो उसकी ध्वनि को भी गायेंगे ना। अब कदंब की शाखें भी सूनी हुई, अब दुबारा तुम्हें हम झुलाएँगे ना। यमुना का तीर भी एक मरु हो गया, जैसे कहती हो वो धुन सुनाएँगे ना। भूलकर भी कभी भूल पाएँगे ना, लौट आओ कन्हैया! सतायेंगे ना।। #anandmaurya