मैं बन न सका किसी का सम्मान कभी मैं रह नहीं सका किसी के विस्वास् में कभी क्या ही संजीदा गुनाह किया है मैंने मैं उत्तर नहीं सका किसी के ख्वाबों में कभी बेजार से हो गए जज्बात मेरे बन नहीं सका प्रेम के काबिल मै कभी एक तंज मिला जमाने से एक आरोप लगा तडपाने की मौत की मैं उभर नहीं सका किसी के नामों संग एक पहर भी कभी मैं बन नहीं सका किसी कुणाल के समान कभी रह गया अकेला एक टुटा तिनका सा बद्दुआ मिला इस कदर वजूद पे अपने मैं मिल नहीं सका उसके आंसू से भी कभी । #मेरे_जज्बात008 #kamil_kavi #cryingsoul #yqbaba #yqdidi #kunu