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|| श्री हरि: || 52 - उपहार 'दादा! बता तो मैं क्य

|| श्री हरि: ||
52 - उपहार


'दादा! बता तो मैं क्या लाया हूँ?' पीताम्बर के भीतर कोई गोल वस्तु छिपाये यह श्यामसुंदर दौड़ा-दौड़ा हंसता-हंसता आया और दाऊ के सामने बैठ गया।


किसी गोपकुमार को - कहना यह चाहिए कि व्रज में किसी को, स्वयं दाऊ को भी कोई सुंदर स्वादिष्ट या आकर्षक वस्तु मिले तो वह उसी समय कृष्णचंद्र के लिए सुरक्षित हो जायगी। उसे पाने वाला झटपट श्याम के पास उसे पहुंचाना चाहेगा। और यह श्याम - कोई रत्न, कोई बड़ा - सा पुष्प - गुच्छ, कोई सुंदर फल, कोई लुभावना फूल, कोई भी वस्तु जो इसे पसंद आ जाय, उसे लेकर दाऊ के पास भागेदारी। इसे लगता है कि सारी उत्तम वस्तुएं इसके बड़े भाई को ही मिल जानी चाहिए।
anilsiwach0057

Anil Siwach

New Creator

|| श्री हरि: || 52 - उपहार 'दादा! बता तो मैं क्या लाया हूँ?' पीताम्बर के भीतर कोई गोल वस्तु छिपाये यह श्यामसुंदर दौड़ा-दौड़ा हंसता-हंसता आया और दाऊ के सामने बैठ गया। किसी गोपकुमार को - कहना यह चाहिए कि व्रज में किसी को, स्वयं दाऊ को भी कोई सुंदर स्वादिष्ट या आकर्षक वस्तु मिले तो वह उसी समय कृष्णचंद्र के लिए सुरक्षित हो जायगी। उसे पाने वाला झटपट श्याम के पास उसे पहुंचाना चाहेगा। और यह श्याम - कोई रत्न, कोई बड़ा - सा पुष्प - गुच्छ, कोई सुंदर फल, कोई लुभावना फूल, कोई भी वस्तु जो इसे पसंद आ जाय, उसे लेकर दाऊ के पास भागेदारी। इसे लगता है कि सारी उत्तम वस्तुएं इसके बड़े भाई को ही मिल जानी चाहिए। #Books

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