Nojoto: Largest Storytelling Platform

केतली सैनिक कवि: विशाल के सी जलती हुई अंगारो की

केतली
सैनिक कवि: विशाल के सी 

जलती हुई अंगारो की भट्टी पर
एक सहमी हुई
खौलती केतली
चुप-चाप से बैठी थी

सुबह से लेकर शाम तक
वह भट्टी पर जरूरत मंद लोगो
के लिए तपी रहती 
खुद को बर्दाश्त कर के

मैं हर रोज देखता था
उसके अंदर का चमत्कार 
कभी उस में पानी का 
उबाल होता
तो कभी चाय,आलू 
कभी कुछ तो कभी कुछ
मगर भट्टी पर ही अढी़ रहती

शाम को जब भट्टी सो जाता थी
उसे ढककर अगली सुबह के लिए
वह अपने घर को जाता था

पर कोने के उस तरफ़ विवश केतली
अपने दर्द के साथ
 पड़ी रहती थी
ना मालिक ने 
उससे पूछा 
उसका हाल
ना आग के तपिश ने 
ना उन हाथों ने
जो हर सुबह 
उसे भट्टी पर रखने आते थे

फिर एक दिन विवश केतली
भट्टी के ताप पर ही फट गई
और भट्टी का वजूद 
पल में ही धराशायी
 हो गया 
घमंडी अंगारे भी 
पल में 
शान्त  हो गए
एक ऐसी केतली
आज हर एक उस 
घर पर सजती है
शायद उसे हम जानते हैं
जो रोज किसी एक 
भट्टी पर तपती है ।

रोक लो उन हाथों को 
जो यह सेज सजाती हैं
बुझादो उस भट्टी के अंगार को 
ना फट सके फिर 
कोई विवश केतली

©#SainikKavi #केतली
केतली
सैनिक कवि: विशाल के सी 

जलती हुई अंगारो की भट्टी पर
एक सहमी हुई
खौलती केतली
चुप-चाप से बैठी थी

सुबह से लेकर शाम तक
वह भट्टी पर जरूरत मंद लोगो
के लिए तपी रहती 
खुद को बर्दाश्त कर के

मैं हर रोज देखता था
उसके अंदर का चमत्कार 
कभी उस में पानी का 
उबाल होता
तो कभी चाय,आलू 
कभी कुछ तो कभी कुछ
मगर भट्टी पर ही अढी़ रहती

शाम को जब भट्टी सो जाता थी
उसे ढककर अगली सुबह के लिए
वह अपने घर को जाता था

पर कोने के उस तरफ़ विवश केतली
अपने दर्द के साथ
 पड़ी रहती थी
ना मालिक ने 
उससे पूछा 
उसका हाल
ना आग के तपिश ने 
ना उन हाथों ने
जो हर सुबह 
उसे भट्टी पर रखने आते थे

फिर एक दिन विवश केतली
भट्टी के ताप पर ही फट गई
और भट्टी का वजूद 
पल में ही धराशायी
 हो गया 
घमंडी अंगारे भी 
पल में 
शान्त  हो गए
एक ऐसी केतली
आज हर एक उस 
घर पर सजती है
शायद उसे हम जानते हैं
जो रोज किसी एक 
भट्टी पर तपती है ।

रोक लो उन हाथों को 
जो यह सेज सजाती हैं
बुझादो उस भट्टी के अंगार को 
ना फट सके फिर 
कोई विवश केतली

©#SainikKavi #केतली
kumarvishal2324

SainikKavi

Bronze Star
New Creator