ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या-क्या बन जाता हूं अनुशीर्षक कभी करण बन जाता हूं कभी अर्जुन बन जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं कभी मोह भंग कर जाता हूं कभी मोह पाश बिछाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या-क्या कर जाता हूं कभी सुर साज सजाता हूं कभी बांसुरी पर तान बजाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या क्या कर जाता हूं कभी सखा बनूं, कभी नेत्र ढ़कूं, कभी लक्षागृह बनवाता हूं,