दिल करता हैं ये बता दू तुम्हें, दर्द अपने सभी दिखा दू तुम्हें तुम्हारी रुसवाई की सजा दू तुम्हें, बेइंतहा मोहब्ब्त हैं उससे तुम्हें चलो तुम्हारी ख़ुशी के लिए भुला दू तुम्हे माना तेरी मोहब्ब्त पे हक नहीं मेरा, कमबख्त अपनी हर नज़्म में बसा दू तुम्हे भुला दू तुम्हे..