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आँखों को तु भाती हैं धीरे से मुस्काती हैं दिल को त

आँखों को तु भाती हैं धीरे से मुस्काती हैं
दिल को तु बहकाती हैं
काजल भरी आँखों को झुकाती हैं
मन को तु तरसाती हैं
बातों से भोली बन जाती हैं
अपना बनाती हैं, ज़िद्दी हो जाती है

©Nisha Bhargava |di√y∆|
  #Soul