हित देश प्रबंधन हो रहा है, या अशुरों का आलिंगन हो रहा है। पक्षधर टूक बाज नहीं आते, विपक्ष बिलख कर रो रहा है। काम क्रीड़ा गरिमा खोती अब तो, संजाल तंत्र छलमय हो रहा है। विधियों का ज्ञान सभी रखते, तप का मान ओझल हो रहा है। कौऐ मुंडेर नहीं छूते, सरिता जल - मल हो रहा है। सड़कों पर बिछी हुई लाशें, क्यों नहीं कोई अब रो रहा है। यदि किसी को तस्वीर से कोई समस्या है तो अपनी सोच बदलो में तस्वीर नहीं बदलूंगा.! Pc:- Google #poorindia #richindia #नींद_से_जागो #yqdidi #yqhindi #beinghuman #ekrajhu #halat_e_jindgi