लब्ज़ सिले जो खुल आते तो फांस ना लेते तुम। बज़्म में दाखिल करके उससे सवाल कर पाते तुम। सब्ज़बाग़ जो दिखाते तो गमों को कैसे सहलाते तुम? दिल के झाग निकल आते तो उनको बहलाते तुम।। #tanhawritings #YourQuoteAndMine Collaborating with Er Rajesh Kumar