किसी की मुस्कान के पीछे, नहीं पता कौन सा मर्ज़ है। कोई बंदिशों में डूब रहा हो, तो साथ तैरना इक फ़र्ज़ है।। उम्मीदें सर पर रखी हो तो कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं। शायद उसके सर पर, ‘ख़्वाहिशों के बोझ’ का कर्ज़ है।। Shivank Srivastava 'Shyamal' #SushantSinghRajput किसी की मुस्कान के पीछे, नहीं पता कौन सा मर्ज़ है। कोई बंदिशों में डूब रहा हो, तो साथ तैरना इक फ़र्ज़ है।। उम्मीदें सर पर रखी हो तो कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं। शायद उसके सर पर, ख़्वाहिशों के बोझ का कर्ज़ है।। #shushantsinghrajput #shushantsingh #depression #depressed #depressionquotes #anxiety #mentalhealth #lifequotes #Nojoto