दर्द 👇👇👇👇 #NojotoQuote रात के क़रीब दो बज रहे थे ,सारा मोहल्ला गहरी नींद में सो चुका था । एकाएक पपी के रोने की आवाज़ आई , पहले धीरे फ़िर तेज़ होती गईं । धीरे धीरे उस आवाज़ से बहुत से लोगो की नींद खुल गईं , कोई पपी को भगाने नहीं गया अमूमन हम कुत्तो के रोने को अशुभ मानते हैं और कोई ना कोई उन्हें भगा ही देता हैं , पर उस वक्त सभी समझ रहे थे उस पपी के दर्द को ........ कुछ साल पहले की ही तो बात थी मोहल्ले के बच्चों ने पार्क में खेलते समय एक छोटे से पपी को झाड़ियों में फंसा देखा , उन्हें बुरा लगा ...और पपी को निकाल अपने साथ ले आये ...(.बच्चे नादां होते हैं , .दिल के साफ़ , किसी का दर्द नहीं देख पाते ., और साथ में ज़िद्दी भी होते हैं ., जो मनवाना होता हैं मनवा लेते हैं ) बड़ों ने बहुत समझाया , मनाया की पपी को छोड़ आये पर बच्चे नहीं माने, बालहठ सुना होगा आपने शायद , जानते भी होंगे, जिसके सामने बड़े बड़े शहनशाह भी झुक गए फ़िर हम सब तो सामान्य वर्ग के लोग थे , बच्चों को हमनें ही सिखाया था ये भी । हम सबने भी पपी को रखने की स्वीकृति दें दी । नाम बच्चों ने पपी ही रखा उसका । धीरे धीरे वो कुछ लोगो को पसंद आने लगी (हां लगी , फीमेल थी वो )। कुछ लोगो को चुभती भी थी , किसी से आपर प्रेम मिलता उसे किसी से धुत्तकार , वो यहीं रहती इसी मोहल्ले में , रात को रखवाली करती किसी की ज़रा सी आहट से वो भौंकने लगती । वक्त बीतता गया धीरे धीरे वो बड़ी हों गईं और बच्चे थोड़े व्यस्त पर स्नेह बढ़ता गया उनके बीच । एक वक्त के बाद पपी ने उसी मोहल्ले में तीन बच्चों को जन्म दिया , सबकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था । बच्चे वक्त चुराकर उन्हें देखते , नन्हे नन्हे पपी और इनका नामकरण भी करते रोज़ ...अभी बस दो हफ़्ते हुए थे एक दिन एक बच्चे को कोई उठा कर ले गया दोपहर का वक्त था ....सबने bhut ढूँढ़ा पर वो नहीं मिला ....कुछ वक्त और गुज़रा एक बच्चा बीमार हो गया ..मोहल्ले वाले dr.के पास ले गये पर नहीं बचा सके ....अब बस एक बचा ..जिसे पपी एक पल के लिए भी अपनी आँखों से ओझल नहीं होने देती ....अब पपी थोड़ी गुस्से में रहती ...कभी कभी बच्चों पर भी भौकती पर नुकसान नहीं पहूंचाती ....कुछ हफ़्ते और बीते ...एक दिन नगर निगम की गाड़ी आई ...दोपहर का वक्त था पपी को पकड़ लिया गया ...वो जोर जोर से भौंकने लगी ..उसकी आवाज़ सुन ...लोग बाहर आ गये ...उसे बचा लिया गया पर इन सबसे वो आख़री बच्चा डरकर भाग गया ....सबने तुरंत ढूँढ़ना शुरू किया पर वो नहीं मिला ....शायद किसी ने पकड़ कर पालतू बना लिया ... पपी ने कुछ दिनो तक ढूँढ़ा उसे ....वो नही मिला । पपी सारा दिन बदहवास सी अपने बच्चों को ढूंढती हैं .....कभी छोटी दीवार पर चढ़ती हैं ताकी दूर तक देख सके ......कभी अचानक किसी भी दिशा में दौड़ पड़ती और कुछ देर बाद ही वापस आ जाती ...कभी किसी बाइक पर झपट पड़ती ...कभी किसी कार के पिछे .....पर बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती ....जिस जगह उसके बच्चे को दफ़नाया गया वहां जाती और वापस आ जाती ....काफ़ी दिनो या यूं कहें महीनों ये सिलसिला चलता रहा ...फ़िर वो ख़ामोश सी हों गईं बस एक जगह बैठी रहती ....उसके होने का पता ही नहीं चलता किसी को ....और आज काफ़ी वक्त के बाद उसकी आवाज़ सुनाई दें rhi थी ....उसका करुण क्रंदन ...आज उसका रोना किसी को अशुभ नहीं लग रहा था ....उसका दर्द महसूस हो rha था उन सबको ...जो जाग गये थे ....और कही ना कही शामील थे उसके दर्द में । #गदय #दर्द#collabgirl #uniquecollection#story #yqdidi