बचपन की यादें ताजा करती है बारिश की बूंदे जब भी गिरती है बारिश की बूंदों को हाथों में लेने की कोशिश में वो चेहरे से बूंदों का छू कर जाना अपना छाता छुपा कर बारिश में खुद को भिगाना कहीं पेड़ के नीचे रुक कर दोस्तों के साथ घंटो वक़्त बिताना और कुछ मासूम् से हरकतो पर बस बेवजह हँसते ही जाना.... बहुत याद आता है वो बारिश का जमाना... कोई लौटा दे हमें उस बारिश का जमाना जिसमे सीखा था हमने खुल के मुस्कुराना .. ☔☔ #Baarish .... ☔☔☔