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*** कोई बताओ मुझे*** आज बहुत नाराज़ हूं तुमसे, मना

*** कोई बताओ मुझे***
आज बहुत नाराज़ हूं तुमसे, मनाओ मुझे,
जी बहुत खराब है, आ के बहलाओ मुझे। 

दिल में बहुत दर्द है और जी है भारी ज्यादा,
बस पीठ पर रख के हाथ तुम सहलाओ मुझे। 

थोड़ी देर के लिए आ जाओ, फिर चले जाना,
हालात काबू में हैं, इतना तो समझाओ मुझे। 

तुम्हारी बेरुखी अंदर से तोड़ देती है मुझको,
दूर से ही अपनी खैरियत तो कह जाओ मुझे। 

बहुत दिन हो गए, कोई खबर नहीं 'आनंद',
वो सही सलामत है, कोई तो बताओ मुझे। 
      -मुकेश आनंद। #गजल #प्रेम

#newplace
*** कोई बताओ मुझे***
आज बहुत नाराज़ हूं तुमसे, मनाओ मुझे,
जी बहुत खराब है, आ के बहलाओ मुझे। 

दिल में बहुत दर्द है और जी है भारी ज्यादा,
बस पीठ पर रख के हाथ तुम सहलाओ मुझे। 

थोड़ी देर के लिए आ जाओ, फिर चले जाना,
हालात काबू में हैं, इतना तो समझाओ मुझे। 

तुम्हारी बेरुखी अंदर से तोड़ देती है मुझको,
दूर से ही अपनी खैरियत तो कह जाओ मुझे। 

बहुत दिन हो गए, कोई खबर नहीं 'आनंद',
वो सही सलामत है, कोई तो बताओ मुझे। 
      -मुकेश आनंद। #गजल #प्रेम

#newplace