मेरी ही दुनिया में गर हस्ती मेरी होती, हंसती भी मेरी, हंसती हुई रहती।। अपना बना के जो, तनहा छोड़ा है ऐ हमसफ़र, बेहतर होता कि खुद में ही नही रखती।। meri hasti