रात का इंतज़ार करवाने में उन सुबहो कि बदमाशी कुछ अलग थी क्यों की उन रातो में मदहोशी कुछ अलग थी आज जरुरत है उन पलो की जो कभी कटते नही थे तेरे बिन वाकई खुबसूरत थे जो गुजर गये है दिन तुम्हारी मर्जी मनवाने में तेरे उन सवालों कि शराफत कुछ अलग थी क्यों कि उन मर्जीओ में शरारत कुछ अलग थी आज जरूरत है उन सवालों कि जो मुझसे पहले रखते थे गिन वाकई खुबसूरत थे जो गुजर गये है दिन ©Malde Chandpa #AloneInCity #Poetry #Shayari #Dil #true #Love #Instagram #maldechandpa