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कोई तो पूछें मेरे दिल से। मैं रूबरू कर दूं उसको अप

कोई तो पूछें मेरे दिल से।
मैं रूबरू कर दूं उसको अपनें दिल से।।

हैं दर्द छिपा मेरे दिल में कितना।
दिखला दूं उसको मैं वो देखें जितना।।

आंखें मेरी क्यों ना हस्ती हों।
वो पूछें तो बतला दूं कारण इसका।।

भरी दुनियां में हूं मैं कितनी अकेली।
पूछो हाल कभी भी साहिब तुम मेरी।।

ना समझ सकतें कभी तुम अल्फ़ाज़ मेरे।
इसलिए मैं गाती हूं बस प्रियतम साज तेरे।। Bonjour Stitchers 🙋🏻

Stitch on #QSकोईपूछेमेरेदिल from "Koi Puche Mere Dil Se" by Sahir Ali Bagga.

Translation: Someone ask from my heart 

Suggested by Adhikari Mann 💜
कोई तो पूछें मेरे दिल से।
मैं रूबरू कर दूं उसको अपनें दिल से।।

हैं दर्द छिपा मेरे दिल में कितना।
दिखला दूं उसको मैं वो देखें जितना।।

आंखें मेरी क्यों ना हस्ती हों।
वो पूछें तो बतला दूं कारण इसका।।

भरी दुनियां में हूं मैं कितनी अकेली।
पूछो हाल कभी भी साहिब तुम मेरी।।

ना समझ सकतें कभी तुम अल्फ़ाज़ मेरे।
इसलिए मैं गाती हूं बस प्रियतम साज तेरे।। Bonjour Stitchers 🙋🏻

Stitch on #QSकोईपूछेमेरेदिल from "Koi Puche Mere Dil Se" by Sahir Ali Bagga.

Translation: Someone ask from my heart 

Suggested by Adhikari Mann 💜