यूँ ही कायम रहे क़ायनात में सदा। भले ही मे रहूँ ना रहूँ, अस्तित्व रहे सदा अमर तुम्हारा। दो पल की जिंदगी मे, क्या गिला क्या शिकवा, बस यूँ ही बरकरार रखे ये हँसी तुम्हारी, दुआ है रब से ये मेरी। सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 🌼आज का हमारा विषय "खिलखिलाती हुई हँसी तेरी" बहुत ख़ूबसूरत है, आशा है आप लोगों को टॉपिक पसंद आएगा। 🌼आप सब सुबह की चाय की चुस्की लेते हुए लिखना आरंभ कीजिए।