लम्हे बहते पानी की तरह, इस काल के चक्र में, कुछ भी न शाश्वत है, बस सींच दूं मैं , हर लम्हा, तेरे साथ, ए साईं, आजीवन तेरी आभारी रहूंगी।। गुज़र जाते हैं, बस सर को झुकाए। #गुज़रजातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi