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विकलांग नहीं दिवयांग है, जो तुम एक बार नहीं वो हर

विकलांग नहीं दिवयांग है,
जो तुम एक  बार नहीं वो हर दिन हर बार हैं ये।

जो चीर दें हर मुसीबत,
एक ऐसा वार हैं ये।

रोज़ हिम्मत और हौसले की,
तलवार हैं ये।

मुश्किलों की घड़ी में,
धैर्य का हथियार हैं ये।

नहीं आँकते किसी को ,
कभी सबसे अच्छे यार हैं यें।

©Gunja Agarwal
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