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बिना अस्त्र-शस्त्र के युद्ध हो रहा,

बिना अस्त्र-शस्त्र के युद्ध हो रहा,                                                                                      मानो निकल पड़ी हो पूरी कायनात,                                                                                   हर तरफ तबाही का ही मंजर दिख रहा,                                                                                    कदम कदम पर कुदरत का कहर हर शहर हर पहर बरस रहा,                                                                    कुछ तो तेरे कर्म कुकर्म रहे होंगे ऐ मानव,                                                                तभी तो जल सजल होत,                                                           मदिरा संग खुद को पवित्र तू कर रहा.                                                                  ✍️✍️✍️                                            "Written:- By @ Umesh kumar" #मदिरा संग पवित्राता
बिना अस्त्र-शस्त्र के युद्ध हो रहा,                                                                                      मानो निकल पड़ी हो पूरी कायनात,                                                                                   हर तरफ तबाही का ही मंजर दिख रहा,                                                                                    कदम कदम पर कुदरत का कहर हर शहर हर पहर बरस रहा,                                                                    कुछ तो तेरे कर्म कुकर्म रहे होंगे ऐ मानव,                                                                तभी तो जल सजल होत,                                                           मदिरा संग खुद को पवित्र तू कर रहा.                                                                  ✍️✍️✍️                                            "Written:- By @ Umesh kumar" #मदिरा संग पवित्राता