Alone तुम मुझे याद करोगी क्या? तुम्हारा क्या नजरअंदाज करने का तरीका अनोखा है, सिर्फ मुझ पर ही क्यों आजमाती हो. मैं फलक पर जाता हूं ,हर दफा मिलने तुझ से, पर तुम मुझे याद करोगी क्या? मेरा हर दिन तुझ से शुरू होता है, हर्रा तेरा ही ख्वाब में आना होता है. मैं सजदा तेरे नाम का करता हूं, पर तुम मुझे अपनी झलक दोगी क्या? नींद ,चैन सब कुछ तो गुम हो गया मेरा, दिल में अब आराम भी जाता रहा. महरूम दिल भी बेरहम हो रहा, क्या तुम मुझ पर रहम करोगी? अब राबता ना रहा रब से, ना सुनी मेरी दुआ उसने, खुदा भी खुदी करना भूल गया, क्या तुम तो साथ नहीं छोड़ोगी? आंखे भी भर आई दर्द से मेरी, तेरे लिए रहूं परछाई में. ये आंखें जो साथ रहने के सपने देखती थी, रो दी दूर होकर तुझसे. क्या तुम मुझे जिंदा रहोगी? अब मान लिया रहना अकेला मुझे, पर क्या एक वादा करोगी, अगले जन्म में साथ बनोगी क्या, तुम मुझे प्यार करोगी क्या? , तुम मुझे याद करोगी क्या