मुहब्बत है अगर असली तन से खुशबू सी आती है कोई नस नस में बहता है बिखर फिर ये जताती है मुहब्बत है मुझे उससे समझना है नहीं मुश्किल एक ही बात को सौं बार वो मुझको सुनाती है मेरी हर बात पे हंसना और शह प्यार की देना मगर जज्बात वो अपने सभी दिल में छुपाती है सुकूं पूजा सा मिलता है यार जब पास आ जाए दूरी महबूब से तो हर घड़ी दिल को दुखाती है तेरी फुरकत में दिन और महीने साल भी गुजरे गली ये हिज्र की अब देख मधुकर को थकाती है manzil_e_isaq vrsa_vp 💕 love for u