एक पत्र डियर जिंदगी ये जो तुम हमको रोज आजमाती हो, लगता है किसी से रिश्वत ले अपना फर्ज निभाती हो, ऐसा नही है खुशिया नही देती, ऐसा बिल्कुल भी नही है की खुशिया नही देती, लेकिन खुशियो के साथ साथ रुलाती बहुत हो, डियर जिंदगी तुम आजमाती बहुत हो, सपना देखा था हमने भी चाँद को छूने का सपना देखा था हमने भी चाँद को छूने का उड़ने से पहले ही ये पंख काट दिया तूने, फिर पूछता है इतना सबकुछ तो है पास तेरे, क्या हुआ गर पंख काट दिये मैंने तेरे, माना उपकार बहुत है तेरे, माना उपकार बहुत है तेरे, तो क्या अरमान मार लू मैं मेरे ?? ख्वाहिशो का समंदर देखा था हमने, लेकिन उसी में डूब गए, उजाले की चाहत में अंधेरे में ही हम खो गए, ना जाने किस गुनाह का सजा देती हो, हँसाने से ज्यादा तुम रुलाती हो, डियर जिंदगी तुम आजमाती बहुत हो ।। #dearjindagi #एकपत्र #nojotohindi #nojotoofficial #nojotomudic #nojotopoetry #nojotolife