श्रद्धांजलि ------------- खूब झेला हवाओं का रुख़, जीवन ने जो भी दिया दुख सुख, अब थम गए ज़िन्दगी के चरण, ले चलो करूँ अग्नि का वरण। मुझे अगले जीवन की और बहना है, अब घर छोड़ यादों में रहना है। जीवन से मृत्यु और फिर, मृत्यु से जीवन का सफ़र है। कि शरीर खत्म हुआ करता है, पर जीवन अमर है। #shrdhanjali #hindishayari #hindipoetry #madhavawana #besthindiquotes