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जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दु:ख हरम | गौरी गणपति

जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दु:ख हरम |
गौरी गणपति स्कंद नंदी, श्री केदार नमाम्यहम |
शैल सुंदर अति हिमालय, शुभ्र मंदिर सुंदरम |
निकट मंदाकिनी सरस्वती, जय केदार नमाम्यहम |
उदक कुंण्ड है अधम पावन, रेतस कुंड मनोहरम |
हंस कुंण्ड समीप सुंदर, जय केदार नमाम्यहम |
अन्नपूर्णा सह अपर्णा, काल भैरव शोभितम |
पंच पांडव द्रोपदी सह, जय केदार नमाम्यहम |
शिव दिगम्बर भस्म धारी, अर्द्ध चंद्र विभूषितम |
शीश गंगा कण्ड फणिपति, जय केदार नमाम्यहम |
कर त्रिशूल विशाल डमरु, ज्ञान गान विशारदम |
मदमहेश्वर तुंग ईश्वर, रुद्र कल्प महेश्वरम |
पंच धन्य विशाल आलय, जय केदार नमाम्यहम |
नाथ पावन हे विशालम, पुण्यपप्रद हर दर्शनम |
जय केदार उदार शंकर पाप ताप नमाम्यहम |

©Jitendra Kumar
  केदारनाथ चालीसा

केदारनाथ चालीसा #समाज

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