रिश्तों के कारोबार में,,,,,,,,,,,,,,,, बहुत आगे चले गए हम, रिश्तों के कारोबार में। हर रिश्ते को निभाते चले गए हम, रिश्तों में मिला जो दर्द, उस दर्द को सहते चले गए हम। बहुत आगे चले गए हम, रिश्तों के कारोबार में। लोग हमें,धोखा देते चले गए। नहीं दिया हमने किसी को भी धोखा, खुद ही बर्बाद होते चले गए हम। बहुत आगे चले गए हम, रिश्तों के कारोबार में। #Jkb रिश्तों के कारोबार में