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कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा हो, तुम

कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा हो,
तुम्हारे अंदर से उठता धुआँ हमारे दिल से गुज़र रहा हो....
#Rajjo

©Vivek Tyagi
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा हो,
तुम्हारे अंदर से उठता धुआँ हमारे दिल से गुज़र रहा हो....
#Rajjo

©Vivek Tyagi