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बस यही सोचकर, ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने , कि हर

बस यही सोचकर,
ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने , कि
हर कोई अपनी जगह सही होता है!......
अब जो होना है, हो जाए..
बहस अब होती नही.
जो समझेगा पास रहेगा..
जिद्द करने की ख्वाइश जगती नही..
बदले नही,
समझ गए है।

सुकून भी अगर दंढना पड़े
तो इस से बड़ा कोई दर्द नही!

©R.y
  #बस यही सोचकर,
ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने...
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R.y

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#बस यही सोचकर, ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने... #Poetry

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