कृपालु है तो कहलाये भोलेनाथ, हर भक्त को दिल से अपनाते शंकर भगवान, देख भयभीत सारे क्रोध रुप भीम, धरती काँपे अंबर काँपे देख रुद्र कुण्ठित, गंगा विराजे जटाओं में जिनके वो गंगाधर गिरीश, तीनों लोको के स्वामी मेरे डमरु वाले त्रिलोकेश, करके विषपान बाँटे अमृत हरि नीलकंठ कपर्दी, अर्धनारीश्वर रुप के सब दीवाने परमेश्वर ईश, सर्पमाला कंठन पर सजाये सर्वज्ञ अनीश, करते सबका कल्याण कहलाते महाकाल, शिव ही सूक्ष्म शिव ही विशाल सब ओर सदाशिव, हर ओर हैं जो विराजमान विश्वेश्वर गणनाथ, सोमसूर्याग्निलोचन हैं मेरे प्रभु प्रिय, करते हैं आराधना तुमसे हे! शाश्वत गिरीप्रिय, दुःखों का करना नाश, करना कल्याण हरीश। ©Priya Gour भोले की दीवानी...❤ #Sawankamahina #भोलेनाथ #26july 3:09