मुश्किल यही है दिल की कि एहसासो को ज़ाहिर तो करना चाहता है पर उसके सामने नहीं जिसके लिए एहसास -ए- जहाँ बनाये बैठा है यही देख कर तस्वीर उनकी खुश हो जाया करता है भूल जाता है दिल गहराइयो में कितने गम छुपाये बैठा है करना तो चाहते है बेशुमार बातें पर कम्बख़त लफ्ज़ो को अपनी ज़ुबाँ में दफ़नाये बैठा है ये दिल भी खुद का होकर कभी मेरी नहीं सुनता है