*मन की मधुशाला* सुंदर शब्द स्वप्न दिखाती रोज़ मेरे लफ़्ज़ों की हाला मधुर ,मदिर मेरे ख़्यालों की मधुशाला और लिखे जा और रचे जा शोर मचाती मन की मधुर आकुलता लिखकर ही मिटती फिर ये मन की व्याकुलता । कोरे कागज पर जब शब्द बिखरते होती तसल्ली मद मस्त मनुष्य सी फिर लहरों ,छन्दों सी बहती मेरे मन के शब्द ,बन मेरी कविता। मधुशाला मैं ही अपनी मेरे शब्द ही मेरे हाला मैं ही अपनी शब्दों की साकी, मैं ही अपनी शब्दों की सहबाला... #मन #मधुशाला #yqdidi Old post with amendment