बिना समझे उसे, अपनी ख्वाइशें, अपनी हर बात बता बैठा था, वो सिर्फ एक पन्ना था बस मेरी कहानी का, जिसे अपनी कहानी का अहम हिस्सा समझ बैठा था, एक लम्बा अरसा लगा मुझे हर एक याद मिटाने में, गलत जगह अपनी भावनाएँ, अपना ज़ज़्बात बता बैठा था..!! #edited Original Written by Vishakha Tripathi