वो अपनी गज़लों, शायरी से न जाने कितनी महफ़िलें, न जाने कितने ही दिल जीत गया। जगजीत महज़ एक शख्श नही था जो अब नही रहा वो एक दौर था जो आया,ठहरा और बीत गया। Love@Jagjit Singh ©Raj #Jagjit_Singh