हाँ बेशक होने को तो इज्जत के चंद सिक्कों में नीलाम हो जाऊँगा मैं, बाक़ी तो महोब्बत के जाली नोटों से भी ठग नही पाओगें तुम मुझें ।। ✒ Dawoli aala izzat je sike