ख़्वाबों की इक बस्ती थी जिसमें अपनी हस्ती थी संवारा था इक आशियां हर तरफ फैली जैसी रौनक थी टूट गया इक रोज़ वो ख़्वाब झूठे निकले जब उसके किरदार ख़्वाबों की इक बस्ती थी, जिसमें अपनी हस्ती थी... #ख़्वाबोंकीबस्ती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi