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दर्द की जब -जब नुमाइश की, मैने मेरा खौफ बढ़ गया।


दर्द की जब -जब नुमाइश की,
मैने मेरा खौफ बढ़ गया।
था मेरे पैरो तले पहले,
वो सर पर चढ़ गया।
 दहशत बोली बड़े परेशान हो मुझसे, 
मैं इतना भी नही बुरा,
जो भी मुझको झेल पाया,
 मैं उसको गढ़ गया।
एक मुस्कुराहट ही तो,
इस दर्द की कमजोरी है।
एक मैं था जो, 
सहानुभूति पाने में फंसके रह गया।
ये दुनियां है,बस देती है साथ, 
हिम्मत वालो का ही,
मैं जरा खौफजदा था, 
इसीलिए तो तन्हा रह गया।

©"ANUPAM"
  #खौफ
rameshchandraanu2269

"ANUPAM"

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