तपती गर्मी में ठंडी हवा सा लग रहा है तेरा इश्क़ मेरे सर पर चढ़ रहा है हर चेहरा क्यों मुझे तेरे जैसा लग रहा है बूँद बूँद इश्क़ मेरे दिल में भर रहा है उबर रहा है जाने कैसा तेरा इश्क़ मेरे सर पर चढ़ रहा है हर दिन और हर रात बस बात तेरी क मिलने को जाना, पर कह कुछ ना पाना जो किया ना कभी अब वो भी कर रहा है खुद के दिये सदमों से खुदीर रहा है तेरे आने का जिंदगी में कबसे इंतजार कर रहा है खुद के पहले इश्क़ की कदर ये कर रहा है ऐसे तेरा इश्क़ मेरे सर पर चढ़ रहा है #सर#पर #चढ़ #रहा #है