यदि जिंदगी बन जाती क़िताब सी,तो इसके हर रहस्य,क़िस्से व मर्म को पढ़ लेता, मौका मिलता जो मुझे कुछ लिखने का तो,अपने अनकहे अल्फाज़ो से इसे सजा देता, इसके ज्ञान से हो सरोबार में अपने जीवन रूपी शजर को इसके गुणी आखरों से सींच लेता, किंतु जिंदगी की बेवज़ह ऊहापोह में इस कदर उलझा हूँ,कि इसके एक पन्ना भी न है पलटा, #ज़िन्दगी_बन_जाती_किताबों_सी #newchallenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is *ज़िन्दगी बन जाती किताबों सी* Any writer can write anything but *remember the rule*