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वो सब अपने मिलकर झूट बोल रहे थे बड़े सलीक़े से ,मै

वो सब अपने मिलकर झूट बोल रहे थे बड़े सलीक़े से
,मैं उनपे ऐतबार न करती तो और क्या करती//१
               
लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है,बेचैनियां दिलों की
मैं तुझे दिल से हरबार न पुकारती तो और क्या करती//२
                 
तहज़ीब में उसकी क्या ख़ूब सियासत है,
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पे छिड़क के
मैं उसका ये वार सबको न बताती तो और क्या करती//३
                 
वो हमदर्द है तो इक़रार क्यों नहीं करते,गर हो चुके बदगुमां,
मैं उनको सौबार न आजमाती तो और क्या करती//४

उसके सख्त लहजे से दरके हैं कई दिल,उसने ये दिल भी 
तोड़ा है,मैं"शमा"उनको बेजार न करती तो और क्या करती//५

shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Nojotostreak वो सब अपने मिलकर झूट बोल रहे थे बड़े सलीक़े से,मैं उनपे ऐतबार न करती तो और क्या करती//१

लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है,बेचैनियां दिलों की,मैं तुझे दिल से हरबार न पुकारती तो और क्या करती//२

तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब सियासत है,नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पे छिड़क के,मैं उसका ये वार सबको न बताती तो और क्या करती//३

वो हमदर्द है तो इक़रार क्यों नहीं करते,गर हो चुके बदगुमां,मैं उनको सौबार न आजमाती तो और क्या करती//४

#NojotoStreak वो सब अपने मिलकर झूट बोल रहे थे बड़े सलीक़े से,मैं उनपे ऐतबार न करती तो और क्या करती//१ लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है,बेचैनियां दिलों की,मैं तुझे दिल से हरबार न पुकारती तो और क्या करती//२ तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब सियासत है,नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पे छिड़क के,मैं उसका ये वार सबको न बताती तो और क्या करती//३ वो हमदर्द है तो इक़रार क्यों नहीं करते,गर हो चुके बदगुमां,मैं उनको सौबार न आजमाती तो और क्या करती//४ #Silence #nojotohindi #shamawritesBebaak

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