#OpenPoetry मेरी आंखों में ठहरो या दिल में ऊतर जाओ, घर दोनों तुमहारे है तुम चाहे जिधर जाओ, मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, मेरी आंखों में ठहरो या दिल में ऊतर जाओ घर दोनों तुमहारे है तुम चाहे जिधर जाओ 😍