#MessageOfTheDay #Achievement #Intent #Challenge रात की बेचैनी उसपर नदी की धार कैसे हो किनारे से किनारे तक सहजता से नदी पार " पूर्व अनुमान से सफर देखा सा लगता है... अगर मन में ठान ली । तो कटीन साहिल भी रेखा सा हे... चुनोतिया ज़िन्दगी में इतनी की ज़रूरी है जितना मौसम की उस पहर की ज़रूरत है जिसे कहते हे बहार " ©G0V!ND DHAkAD #Achievement #Intent #Challenge #Messageoftheday