जीवन की इन टेढ़ी-मेढ़ी राहों पे। अक्सर हमने खुद को मरते देखा है। दीपक को भी हवा जंहा डस लेती थी। हमने दिन को रात से डरते देखा है। सच्चाई छिप कर हमको यूँ तकती थी। हमने खुद को झूठ से मिलते देखा है। फर्क यँहा मज़हब का राजा बन बैठा। धर्मो से भी खुद को डरते देखा है। कितने सिकंदर आकर यँहा से चले गए। दुनिया जीत के खाली जाते देखा है। अपने दिल की बातें दिल मे ही रखना। अपने सपने चोरी होते देखा हैं। क्या कहना क्या सुनना बाकी है नीरा। हमने खुद को खुद से जलते देखा है। #Gazal #Dekha_Hai #NojotoLove #NojotoBest #Gazalhindi