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तन्हाई से बाहर आ, अपना सबकुछ खुद पे वार दे, बनके

तन्हाई से बाहर आ,
अपना सबकुछ खुद पे वार दे,

बनके तू उल्फ़त के क़ासिद,
माज़ी की धूल झाड़ दे !! सुप्रभात।
अक्सर हमारे मन का आईना माज़ी की धूल से अटा पड़ा होता है और हम उसे साफ़ करने की ज़हमत तक नहीं उठाते।
*माज़ी - भूतकाल
#धूलझाड़दे #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
तन्हाई से बाहर आ,
अपना सबकुछ खुद पे वार दे,

बनके तू उल्फ़त के क़ासिद,
माज़ी की धूल झाड़ दे !! सुप्रभात।
अक्सर हमारे मन का आईना माज़ी की धूल से अटा पड़ा होता है और हम उसे साफ़ करने की ज़हमत तक नहीं उठाते।
*माज़ी - भूतकाल
#धूलझाड़दे #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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rohitreigns9696

Rohit Reigns

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