घर भी मेरा है और आगन भी मेरा है,
ना जाने क्यों तेरे पैरो के निशान इस घर में ना है,,
छाप तो बहुत छोडी है तूने इन मेरे कमरों में पहले कभी,
पर अब तेरी बाते मेरे घर में क्यों नहीं है,,
महफिल भी मेरी होती है मेहखाना भी हमारा है,
फिर भी ना जाने चर्चे क्यों तेरे बातो के होते है #Love#Hindi#Pyar#LoveStory#कविता#qoute#NojotoaHindi