#दिल्लगी
ये चाँद, ये तारे, ये टिमटिमाते जुगनुओं की सरगोशी,
ये घटा, ये बारिश, ये लहराती हवाओं की खामोशी,
ये जुल्फें, ये आँखे, ये सूरख होठों की मदहोशी,
ये भीगा तन, ये बदन, ये कमर में बाहों की डोरी,
ये अदा, ये शर्म, ये हया की अनोखी हमजोली, #Heart#लव#bestyqhindiquotes#शंकरदास