नक़ाब का सही मतलब, रिश्तेदारों से ही बेनकाब होते है। कहने को अपने होते है, पर जानें कब गैरों में शामिल होते है। मीठी छुरी से कत्ल करके, झूठे आंसू बहाने में माहिर ये दो चेहरे रख़, उससे बख़ूबी निभाने वाले काफ़िर ये। बेवफ़ाई का सही वक्त, चुनने का हुनर कोई इनसे सीखे। परिवार होते हुए, अनाथ बनाना कोई इनसे सीखे। ©Anuradha Sharma #family #disguise #apne #yqquotes #yqbaba #yqpoetry #yqurdupoetry #oneliner